Monday, 30 May 2016

ताजमहल का खजाना निचे की कब्र में ।

मै delhi के selectcity mall में प्रिया के साथ खाना का रहा था तभी प्रिया ने मेरे हाथो में हाथ डालते हुए कहा । रवि चलो न कहि घूमने चलते है ।
मैने कहा जानू कहा चले , तो प्रिया ने कहा की जहाँ तुम जहा चाहो ।  मैने कुछ देर सोचा और कहा ठीक है कल सुबह मिलते है । वो मान गई फिर जाते हुए उसने मुझे एक प्यार भरा आलिंगन किया । मैने भी उसके माथे को चूम लिया , फिर उसे कस के अपनी बाहो में भर लिया
  हम कल जाने की तैयारी करने लगे । मैने अपने साथ सभी जरूरी चीजे रख ली , बैग  को पैक किया और प्रिया के घर की ओर निकल पड़ा । जब मै प्रिया के घर पहुँचा तो वो तैयार खड़ी थी इसे देख मै हैरान रह गया , लडकिया और समय पर तैयार हो जाए कुछ बात सर नही लगी पर मै आप को क्या बताऊ मेरी प्रिया कुछ अलग है ।
आप लोग सोच रहे होंगे की हम बाइक पर जाएगे तो आप गलत है मुझे और प्रिया को रोमांच बहुत पसंन्द है इसलिए मै और वो निजामुदीन रेलवे स्टेशन की ओर हो लिए , मैने  पहले ही पूरा प्लान कर लिया था पर कहते है न जो होना होता है वो हो कर रहता है । मुझे नही पता था की जिस ट्रेन मे हम जा रहे है वो एक डम खाली होगी  , मानता हूँ की किसी भी आशिक के लिए ये एक सुनहरा मौका होता है पर  कभी कभी ये सब दुर्घटनाओं को भी आमन्त्रित करता है ।  पर हमारे पास कोई चारा नही था इसलिए हम उस में चढ़ गए , जल्द ही ट्रेन चल पड़ी । एक एक करके स्टेशन गुजरते चले गए और हम बोर होने लगे तभी प्रिया ने कुछ खाने को निकाला ,हम दोनों ने नास्ता किया , सब कुछ प्रिया ने अपने हाथो से बनाया था जो की काफी टेस्टी था । इसी बात पर मैने प्रिया का हाथ चूम लिया जिस कारण उस ने मुझे धक्का दे दिया जिससे मुझे चोट लग गई ।
मुझे चोट लगते ही वो फौरन मेरे पास आई और मुझे बाहो में भर लिया और बोली sorry रवि मैने जान बुझ कर नही किया और अपनी chhuni से मेरा सर सेकने लग । तभी मेरी निगाहें उसकी निगाहो से टक्करा गई और फिर मैने उसके होठो पर अपनी ऊँगली से हल्की सी सरारत की , फिर मेरे हाथ उसके बालो में उलझ गए ,हम दोनों बस एक दूसरे को ही देख रहे थे । कहि निगाहो का लड़ना ,कहि जुल्फों का बिखरना , कहि वो गर्म साँसे , कहि वो मीठी ठंडक । प्रिया का सर मेरे बाहो में था और कब एक दूसरे को देखते देखते हमे नींद आ गई हमे पता भी नही चला ।
अचानक हमे एक तेज आवाज सुनाई दी और हम दोनों की आँखे खुल गई , खिड़की से बाहर देखा तो अँधेरा हो चूका था । मुझे लगा कहि हम गलत जगह तो नही आ गए पर जब मैने ध्यान से देखा तो हम आगरा पहुँच चुके थे । हमने जल्दी से सारा सामान समेटा और आगरा स्टेशन उतर गए । आज स्टेशन पर काफी भीड़ थी इसलिए हम जल्दी से वहाँ से बाहर निकल आए । वहाँ से हमने auto किया और ताजमहल के लिए निकल पडे । आज प्रिया बहुत खुश थी उसने मेरे हाथो को कस के पकड़ रखा था और मै उसे देखे जा रहा था । जल्द ही हम ताजमहल पहुच गए ।
लेकिन जल्द ही हमारी ख़ुशी दुःख में बदल गई जब पुलिस वालो ने ऑटो रोक दिया । जब मैने रोकने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा की ताजमहल बन्द हो चूका है इसलिए आप अंदर नही जा सकते । मै और प्रिया ये सुन कर दुखी हो गए । हम एक तरफ जा कर बैठ गए । प्रिया ने मेरे कन्धों पर अपना सर रख दिया और मेरे हाथो में हाथ डाल कर बोली अब हम क्या करेगे । मैने उसे अपनी बाहो में कस लिया और कहा देखो आज पूनम का चाँद तुमसे कितना जल रहा है । जब मै तुम्हारे पास हूँ तो आज ताज भी तुम तक चल कर आएगा ।
To be continue
 
 
    
   आखरी ख़ुशी (एक साया)

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