हजारो सालो से धरती पर इंसान अपने से कमजोर जीवो पर अत्याचार करता आ रहा है । यहांतक की वह अपने ही जोड़ीदार मनुष्य को गुलाम बनाने से बाज नही आया और मनुष्य वर्ग ने ही मनुष्य वर्ग का मानसिक और शाररिक शोषण किया और अब भी कर रहा है । परन्तु बेज़वा जानवर जो कुछ बोल नही सकते उनका तो मनुष्य ने जीना ही हराम कर दिया है । गाय , बकरी मुर्गी ' लाल मास ' और मछलिया ।
अगर मछलियो का जिक्र करे तो वो मनुष्य जाती से भी पुरानी है पर उनका शोसन भी उतना ही पुराना है ।
खाया और कैद भी किया ।
हजारो सालो से मनुष्य मछलियो को अपना ग्रास बना रहे है पर अब तो उन्होंने उसे कैद कर रखना भी शुरू कर दिया है।
झूठी अफवाएं
सभी को एक्वेरियम बहुत पसंद है लोग अपने घरो में एक से बढकर एक एक्वेरियम रखते है। लोग अपने ड्राईंगरूम या बेडरूम कहीं पर भी इन अठखेलियां करती हुयी मछलियों को रखना पसंद करते है। मछलियों का यह छोटा सा आशियाना आपके आशियाने में चार चांद लगा देता है। वैसे तो एक्वेरियम को बहुत से लोग केवल सजावट का साधन मात्र मानते है लेकिन लोगो का मानना है कि यह केवल सजावट के लिए नहीं ब्लकी आपके जीवन में सुख-समृद्धि लाने में भी सहयोग करता है।
न जाने कब से लोगो के बिच ये झूठी भांतिया फैली पड़ी है। मछलियो के बारे में प्राचीन काल से ही विदीत है कि यह लक्ष्मी लाती है और इन्हे पालने वालों को धन की प्राप्ती होती है। परन्तु ये सच नही है ।
सच क्या है ।
इन रंग बिरंगी मछलियो को हजारो सालो से पालने का चलन है जिसने बाद में एक व्यापार का रूप ले लिया । पहले इन मछलियो को केवल राजा महराज या सम्राट पालते थे । बाद में मछली पालको और मछली व्यापारियो ने इसे एक झूठी कथा से जोड़ दिया जिसमे घरो में मछलिया पालने से आप भी राजा की तरह आमिर और भाग्य शाली बन जाएगे । तब से लोगो ने इस नीच प्रथा को पूरी तरह से अपना लिया ।
आज 2015 जहा लोग चाँद पर घर बनाने के बारे में सोच रहे है वहाँ इस तरह के अंधविस्वास को जगह देना कहा की समझ दारी है। पर शर्म तब आती है जब पढ़े लिखे लोग जो एक मुकाम पर है वो इस तरह की नीच हरकत करते है ।
मान्यताओ के अनुसार एक्वेरियम परिवार के उपर आने वाले किसी विपत्ती से आपको बचाता है, ऐसी स्थिती में कभी कभी एक्वेरियम में रखी कीसी मछली की अकस्मात मौत हो जाती है।
- एक्वेरियम कार्य करने के जगह पर रखने से आप में सदैव नयी उर्जा भरता रहता है।
- मानसिक संतुष्टी, और दिमाग में नये और अच्छे विचार लाता है।
मै उन लोगों से पूछना चाहता हु की क्या उन जगहों पर काम नही होता जहा एक्वेरियम न लगा हो ।
क्या ये सही है की किसी बेकसूर जिव को अपनी ख़ुशी के लिए कैद कर दिया जाए । अगर आप उस मछलि की जगह होते तो क्या आप भी उससे खुश होते जो आपको कैद कर के रखता ।
भूखे लोग
एक तरफ तो करोड़ो टन मछलिया लोग हजम कर जाते है और दूसरी तरफ खुद की ख़ुशी और मुशिबतो से बचने के लिए मछलियो को घरो में कैद भी करते है । लोगो ने मछलियो की बोली लगाई 'उसे नोचा ' खाया ' और कैद भी कर के रखा ।
सच कहे तो उसके साथ बलात्कार किया ।