Friday, 26 June 2015

इंसान क्यों करता है मछलियो से बलात्कार ।

हजारो सालो से धरती पर इंसान अपने से कमजोर जीवो पर अत्याचार करता आ रहा है । यहांतक की वह अपने ही जोड़ीदार मनुष्य को  गुलाम बनाने से बाज नही आया और मनुष्य वर्ग ने ही मनुष्य वर्ग का मानसिक और शाररिक शोषण किया और अब भी कर रहा है । परन्तु बेज़वा जानवर जो कुछ बोल नही सकते उनका तो मनुष्य ने  जीना ही हराम कर दिया है । गाय , बकरी मुर्गी  ' लाल मास ' और मछलिया ।
अगर मछलियो का जिक्र करे तो वो मनुष्य जाती से भी पुरानी है पर उनका शोसन भी उतना ही पुराना है ।
खाया और कैद भी किया ।
हजारो सालो से मनुष्य मछलियो को अपना ग्रास बना रहे है पर अब तो उन्होंने उसे कैद कर रखना भी शुरू कर  दिया है।
झूठी अफवाएं
सभी को एक्‍वेरियम बहुत पसंद है लोग अपने घरो में एक से बढकर एक एक्‍वेरियम रखते है। लोग अपने ड्राईंगरूम या बेडरूम कहीं पर भी इन अठखेलियां करती हुयी मछलियों को रखना पसंद करते है। मछलियों का यह छोटा सा आशियाना आपके आशियाने में चार चांद लगा देता है। वैसे तो एक्‍वेरियम को बहुत से लोग केवल सजावट का साधन मात्र मानते है लेकिन लोगो का मानना है कि यह केवल सजावट के लिए नहीं ब्‍लकी आपके जीवन में सुख-समृद्धि लाने में भी सहयोग करता है।
न जाने कब से लोगो के बिच ये झूठी भांतिया फैली पड़ी है। मछलियो के बारे में प्राचीन काल से ही विदीत है क‍ि यह लक्ष्‍मी लाती है और इन्‍हे पालने वालों को धन की प्राप्‍ती होती है।  परन्तु ये सच नही है ।
सच क्या है ।
इन रंग बिरंगी मछलियो को हजारो सालो से पालने का चलन है जिसने बाद में एक व्यापार का रूप ले लिया । पहले इन मछलियो को केवल राजा महराज या  सम्राट पालते थे । बाद में मछली पालको और मछली व्यापारियो ने इसे एक झूठी कथा से जोड़ दिया जिसमे घरो में मछलिया पालने से आप भी राजा की तरह आमिर और भाग्य शाली बन जाएगे । तब से लोगो ने इस नीच प्रथा को पूरी तरह से अपना लिया ।
  आज 2015 जहा लोग चाँद पर घर बनाने के बारे में सोच रहे है वहाँ इस तरह के अंधविस्वास को जगह देना कहा की समझ दारी है। पर शर्म तब आती है जब पढ़े लिखे लोग जो एक मुकाम पर है वो इस तरह की नीच हरकत करते है ।
मान्यताओ के अनुसार एक्‍वेरियम परिवार के उपर आने वाले किसी विपत्‍ती से आपको बचाता है, ऐसी स्थिती में कभी कभी एक्‍वेरियम में रखी कीसी मछली की अकस्‍मात मौत हो जाती है।
- एक्‍वेरियम कार्य करने के जगह पर रखने से आप में सदैव नयी उर्जा भरता रहता है।
- मानसिक संतुष्‍टी, और दिमाग में नये और अच्‍छे विचार लाता है।
मै उन लोगों से पूछना चाहता हु की क्या उन जगहों पर काम नही होता जहा एक्‍वेरियम  न लगा हो ।
क्या ये सही है की किसी बेकसूर जिव को अपनी ख़ुशी के लिए कैद कर दिया जाए ।  अगर आप उस मछलि की जगह होते तो क्या आप भी उससे खुश होते जो आपको कैद कर के रखता ।
भूखे लोग
एक तरफ तो करोड़ो टन मछलिया लोग हजम कर जाते है और दूसरी तरफ  खुद की ख़ुशी और मुशिबतो से बचने के लिए  मछलियो को घरो में कैद भी करते है ।  लोगो ने मछलियो की बोली लगाई  'उसे नोचा ' खाया ' और कैद भी कर के रखा ।  
  सच कहे तो उसके साथ बलात्कार किया ।

Thursday, 25 June 2015

क्या (इमली) के वृक्ष मे भूत रहते है?

आम तौर पर यह माना जाता है कि इमली के पेड मे भूत होते है और विशेषकर रात के समय इसके पास नही जाना चाहिये। पर इस बात में कितनी सच्चाई है। और कौन से भूत उसके अंदर रहते है।

सच क्या है  
प्राचीन ग्रंथो मे एक कथा का जिक्र है। दक्षिण के एक वैद्य अपने शिष्य को बनारस भेजते है। वे बनारस के वैद्य की परीक्षा लेना चाहते है।  पहले के लोग पैदल यात्रा करते थे और महिनो लम्बी यात्रा होती थी। दक्षिण के वैद्य ने शिष्य से कहा कि दिन मे जो खाना या करना है, करना पर रात को इमली के पेड के नीचे सोते हुये जाना। हर रात इमली के नीचे सोना- वह तैयार हो गया। कई महिनो बाद जब वह बनारस पहुँचा तो उसके सारे शरीर मे नाना प्रकार के रोग हो गये। चेहरे की काँति चली गयी और वह बीमार हो गया। बनारस के वैद्य समझ गये कि उनकी परीक्षा ली जा रही है। उन्होने उसे जब वापस दक्षिण भेजा तो कहा कि दिन मे जो खाना या करना है, करना पर हर रात नीम के पेड के नीचे सोना। और जैसा आप सोच रहे है वैसा ही हुआ। दक्षिण पहुँचते तक शिष्य फिर से ठीक हो गया।

आप प्राचीन और आधुनिक चिकित्सा साहित्य पढेंगे तो आपको इमली की छाँव के दोषो के बारे मे जानकारी मिलेगी। आयुर्वेद मे तो यह कहा गया है कि इसकी छाँव शरीर मे जकडन पैदा करती है और उसे सुस्त कर देती है। प्रसूता को तो इससे दूर ही रहना चाहिये। यह भी लिखा है कि उष्णकाल मे इसके हानिकारक प्रभाव कुछ कम हो जाते है।  भरतीय प्राचीन किताबो में इन सब बातो का जिक्र मिलता है ।
इमली ही नही बल्कि बहुत से वृक्षो की छाँव को हानिकारक माना जाता है। छत्तीसगढ की ही बात करे। यहाँ पडरी नामक वृक्ष मिलता है जिसकी छाँव के विषय मे कहा जाता है कि यह जोडो मे दर्द पैदा कर देता है।
तो भूत है या नही

भूत का अस्तित्व है या नही इस पर कुछ भी कहना मुश्किल है । भूत शब्द सुनते ही हम डर जाते है और उन स्थानो से परहेज करते है जहाँ इनकी उपस्थिति बतायी जाती है। यदि इमली मे भूत के विश्वास को यदि इस दृष्टिकोण से देखे कि हमारे जानकार पूर्वजो ने इमली के दोषो की बात को जानते हुये उससे भूत को जोड दिया हो ताकि आम जन उससे दूर रहे तो ऐसे विश्वास से भला समाज को क्या नुकसान?
अब आप के ऊपर है की भुत है या नही ।

Tuesday, 23 June 2015

आखरी ख़ुशी (एक साया)

कहते है की पहली नजर ही काफी होती है दिलो के मिलने के लिए ,पर कभी हिरणी भी शेर की हुई है।
  लिफ्ट काफी छोटी थी पर उससे जादा मेरा दिल घबराय हुआ था ।  मेरे पास एक चाभी थी जो मुझे लौटानी थी पर न उस चाभी से मेरा रिश्ता था न ही उस घर से जहां में जा रहा था।  फिर भी कुछ ऐसा था जो मुझे उस ओर खीच रहा था ।
आखिर कार लिफ्ट 3rd फ्लोर पर आ कर रुक गई । और मेरे दिलो की धड़कन तेज हो गई । दरवाजा सामने था । और मेरे कदम थे की उठने का नाम नही ले रहे थे  । मुझे डर लग रहा था की पता नही कोण होगा उस पार , उस दरवाजे के पीछे ।
मैने हिम्मत कर के आखिर कार घर की रिंग बजा दी । कुछ देर लगी पर आखिर कार दरबाजा खुल ही गया ।
एक ठण्डी हवा का झोके ने मेरी आँखे बन्द सी कर दी पर जब वो खुली तो लगा जैसे मै कोई सपना देख रहा हु । उसने अपनी आखो में काजल लगा रखा था ,रेशमी बालो को ऊपर कर उसने मेरा ध्यान खीचा। और उसके कपड़ो से आ रही उसकी खुसबू ने एक अजीब सा रूहानी  माहौल बना दिया ।
जाली दार दरवाजे के पीछे से उसका छुपा हुआ चहेरा दिल की खिचड़ी बना रहा था। और फिर वो हुआ जो मै सुनना चाहता था ,उसकी मीठी सी आवाज । उसने मुझसे पूछा आप कौन ।। पहले तो मेरी घिगी सी बन गई पर जल्द ही मुझे एहसास हुआ की वो मुझे ही देख रही है । मै काफी डर गया था और तेजी से चाभी का गुच्छा उसके हाथो में रख कर मै  भाग निकला । पता नही क्यों पर मै उसका सामना नही कर पाया ।
उसकी नजर मेरे आखो से हट ही नही रही थी । रात को भी बस वो ही वो नजर आ रही थी ।  जब सुबह दिल नही माना तो ,मैने एक ख़ास फैसला लिया की मै कल फिर उस मकान पर जाउगा ।
मिलने की आश
जब आपके पास कोई कारण न हो तो किसी के घर जाना भी किसी जंग से कम नही ,ख़ास कर जब आप किसी लड़की के चक्कर में जा रहे हो ।  पर जैसे मेरे पैरो में तो पंख लग गए हो और अब रुकना मुश्किल था । घर की रिंग बजाते थोड़ी शर्म आई पर काम बन ही गया । वो दरवाजे पर थी और मुझे ऐसे देख रही थी जैसे मै कोई भूत हु।  मै कुछ कहता उससे पहले वो बोल बड़ी, तुम  कल आए थे न । मैने अपना सर हां में भर दिया ।  तो अब क्या चाहिए ।  उसके सामने मेरे तो होठ ही जाम हो रहे थे ।  क्या चाहिए बोलो गे भी ।
मेने  कहा कुछ भी नही और मै जाने लगा । मै लिफ्ट के पास गया ही था की पीछे से एक आवाज आई , सुनो एक काम है तुम मदद कर सकते हो । ये सुन कर जैसे डूबते को तिनके का सहारा मिल गया हो । और मेने अपना सर हाँ में हिला दिया ।
कुछ पल
काम कुछ खाश नही था ,बस कुछ किताबे इधर से उधर करनी थी  सो मैने कर दी ।  मेरा ध्यान काम में कम और उसे देखने में जादा  था । जब तक काम खत्म हुआ तब तक वो कॉफी बना कर ले आई । बालकनी की ठंडी हवा में उसके लट कभी उसकी आखो पर तो कभी उसके होठो को छु रहे थे । ये सब देख कर ही मेरा पेट भर गया । काफी देर तक तो खामोशी  छाई रही । फिर मै ही बोल बैठा , आप यहां कब से है । mom dad , etc.......
उसने कहा : काफी साल गुजर गए यहां रहते हुए अब तो दिन भी याद नही ,मुझे याद है जब माँ मुझे इस घर में ले कर आई थी  हम बहुत खुश थे पर माँ अब नही रही । पाप भी चले गए । अब बस में रह गई हु।
ये सब सुनने के बाद काफी देर तक कमरे में खामोशी छाई रही । मै तो बस उसकी  आखो को ही देख रहा था।  इतनी छोटी सी उम्र में वो कितनी अकेली और तन्हा थी ।  हम एक दूसरे को जानने की कोशिश करने लगे हर एक पल वो अपनी जिंदगी की किताब के पन्ने खोलती रही और मै सुनता रहा और कब कप से कॉफी कब  खत्म  हुई पता भी नही चला । कई हफ्ते निकल गए। लगता था जैसे मुझे उससे प्यार हो रहा था पर  उसके दिल में क्या था मै नही जानता था। वो तो एक राज़ था।
क्या सब झूठ था
अगले दिन मै सुबह -2 तैयार होकर निकल पड़ा। आज तो मै अपने दिल की बात कर के रहुगा । सामने मंजिल थी और मै जोश में था । और जल्दबाजी में मैने 3 की जगह 4 नंबर दबा दिया ,लिफ्ट 4th फ्लोर पर रुक गई  और मैने बिना देखे  4th फ्लोर का bell ring बजा दिया । मेरे फेस पर एक चमक थी वो उस वक्त निकल गई जब एक बूढ़े नकल ने दरवाजा खोला । बेटा क्या चाहिए , मैने कहा सर आप कौन है । उन अंकल से बात करने पर पता चला की मे गलती से 4th फ्लोर पर आ गया हूँ। पर वो जादा हैरान तब नजर आए जब मैने कहा की मुझे 3rd फ्लोर पर जाना है । मुझे उनकी आखो में एक डर नजर आया वो काफी घबराए से दिखे ।
Sir आप 3rd फ्लोर का नाम सुन कर इतने घबरा क्यों रहे हो क्या बात है। क्या आप मुझसे कुछ छुपा रहे है ।
सच का दर्द
अंकल ने मुझे सारी कहानी बताना शुरू किया। और उन्होंने जो कहा उससे मेरा दिल टूट गया।
वो फ्लोर पिछले 10 सालो से खाली था न वहाँ कोई आता था न कोई जाता । और जिस लड़की की मै बात कर रहा था वो 11 साल पहले ही मर चुकी थी ।  उसके माता पिता का accident हो जाने के बाद वो एक दम अकेली रह गई थी ,न खाती थी न पिती थी बस खोई खोई रहती थी । और एक दिन ऐसा भी आया जब वो मरी हुई पायी गई। और पिछले 10 सालो से उस 3rd फ्लोर से रोने की आवाजे आती रहती है । 
मुझे कुछ समझ नही आ रहा था । लगता था की वो आज भी अपने माँ बाबा का इन्तजार कर रही हो।
तुम्हारी याद आएगी
मै उससे मिलना चाहता था इसलिए में फिर उस 3rd फ्लोर पर गया और bell बजाई ।
उसने दरवाजा खोला । और में अंदर आ गया ।
मै उस की ओर देख रहा था और वो मेरी ओर । मै जानता हु तुम मर चुकी हो ।  उसने मेरी ओर देखा और मेरे पास आई और मेरे गले लग कर कहा ... thankq  । आज बहुत दिनों बाद मुझे बहुत अच्छा लग रहा है ।
  और मेरा बाहर जाने का दिल कर रहा है । 
मैने बिना कुछ कहे उसे बाहर ले आया। हम दोनों एक पेड़ के निचे बैठ गए । उसका सर मेरे कन्धे पर था। मै उससे बहुत कुछ कहना  चाहता था पर कह नही पा रहा था । उसने कहा रवि  मुझे  नींद आ रही है ।
  सो जाओ ...... तुम्हारे माँ बाबा तुम्हे बुला रहे है ।
वो चली गई
अब उस फ्लोर से रोने की आवाजे नही आती ।
मै बस आसा करता हु की वो जहाँ भी हो टिक हो ।
 

Sunday, 21 June 2015

Nude Monster Man

I was getting late for the train. .last train abandoned the platform at 10 ..but now its 10:30. And next train reach the station at 2 am .. unlucky train has gone and the now stations  deep  full of silent . I sit eased and looking the star who look so sparkling . Nobody out there full of silent ,a strange silent. Cold air freezing my legs .my hands under the jacket who feel me little warm.
Suddenly a strange shadow come on me ,my heads down on my knees that why i couldn't see. Slowly slowly i move up , his leg has no shoes and i was totally surprised when i saw him ,he totally naked. Surely it was nothing unusual for a poor vagabond. he looked the way people of his type usually did, with a lon beard ,dirty, ragged, and bunch of alcohol bottles.
Soo why he naked that question mumbling rounded my heads.
I looked him over very carefully i quite frightened.
Then i remembered that peoples talk.. a naked wandering ghost eat many peoples around the old railway station.
  
I was quite scared. He stood like a statue in front of me
His mouth full of dribble, sharp teeth and horrible  red eyes .. and back hand he has a long sharp meet cutter ..
I though this is my end .but a bright light covered the whole place suddenly. That's my chances to escape . I ran fast to my last breath . But he was chasing me badly. A naked monster man eater too close to catch me but by god graced i felt down in a black pipe whole . his muddy  hand  try to grab my shirt and at least monster tore up my clothes . But somehow i saved myself to his killing hands. He tried so much to reached his hand on me but whole was long. Badly injured and helpless i just could wait for the morning.
Stinky and full of rats ,the whole was hell .one side man eater and another killer rats who was trying to eat my body parts . Every one minutes It was tough to live but these or another way I had to keep myself alive . He piss on me and so I tried every way to leave out. I continued to fight until the last mother and then the first rays of the sun fell on it incurred. Now that the ghost had no choice. She was looking at me still hungry eye. His red eyes and mouth full of saliva wanted me. I got a pipe which had peaked a vein. I raised him. The monster's eyes turned increasingly wise.  naked monster has gone through her fear until then I was hiding. As long as people do not come to the station.
Finally people of station saved me . One break bone and little injuries that all i have .. but more important that i had alive .
The ambulance came and took me. The incident point, the monster never seen by anyone.

चुड़ैल का प्यार

प्यार तो ऐसी चीज है जो जानवरो और इंसानो में ही नही हर उस जिव में है जो सास लेती है । तो क्या किसी आत्मा या चुड़ैल को प्यार नही हो सकता ।
बारिश की रात
बात 2012 , निकोबार के जंगलो की है। रात हो चुकी थी और रवि काफी देर से ड्राइविंग कर रहा था । उसे हलकी -2 नींद भी आ रही थी और भूख भी लगी थी । तभी अचानक उसे एक आम का पेड़ नजर आया साथ ही एक पपीते का पेड़ भी था । रवि ने सोचा क्यों न कुछ खा लिया जाए । ये सोच वो गाडी से बाहर निकला और जंगल की ओर चल दिया । पेड़ पास ही था पर रवि जितना करीब पेड़ के जाता पेड़ उतना ही दूर नजर आता । काफी देर चलने के बाद जब रवि ने पीछे मुड कर देखा तो न सड़क नजर आई और न ही उसकी कार ,सब गायब हो चूका था और अब बस पेड़ ही पेड़ नजर आ रहे थे । रवि बुरी तरह परेशान हो गया और तेजी से भागने लगा। पर कोई भी तरकीब काम नही आई और अब वो बुरी तरह से फस चुका था ।
सुंदर सी लड़की
न रात का पता चल रहा था न दिन का । बस एक खामोशी थी जो रवि को खा रही थी। तभी पायल की आवाज से पूरा जंगल गूंज उठा । पहले तो रवि घबरा गया पर सामने से आती एक लड़की को देख उसकी सास में सास आई ।  रवि भी उसकी ओर बढ़ चला । वो एक बहुत  ही खूबसूरत और नेक लड़की दिख रही थी । पर हर गुलाब पर काटे होते है ।
रवि ने उससे जंगल से बाहर निकलने का रास्ता पूछा पर उस लड़की को हिंदी नही आती थी । फिर भी रवि ने इशारो इशारो में अपनी बात उसे समझा दी ।  उस लड़की ने अपना नाम  निया बताया और साथ ही उसे जंगल से निकलने में मदद भी करने का भरोषा दिलाया । निया आगे आगे और रवि पीछे पीछे चलते रहे । एक पल के लिए रवि को  लगा  की निया उसे और भी गहरे जंगल में ले जा रही है पर वो क्या करता उस लड़की के अलावा कोई और तो था ही नही उसकी मदद करने के लिए । तभी निया के पैर में एक काटा चुभ गया और वो दर्द से चिल्लाने लगी । रवि ने फौरन उस का पैर पकड़ कर उस काटे को बाहर निकाला और उसके पैर पर हाथ सहलाने लगा। दोनों की आखे एक दूसरे की ओर ही देख रही थी और न जाने कब रवि ने निया को अपनी बाहो में ले लिया। वो एक मिनट रवि के जीवन का सबसे अदभुद पल था । निया भी अपना सारा दर्द भूल कर उसकी बाहो में खो सी गई ।
मै कभी नही भूलूंगा
अब सारे रास्ते रवि कभी निया को देखता तो कभी निया रवि को । रवि ने कहा काश हम यू ही सारी उमर चलते रहे । ये सुन कर निया के चहरे पर एक मुस्कान सी बिखर गई । हा वो कुछ समझी या न समझ पाई ये तो कहना मुसकिल है पर प्यार की कोई जवा नही होती । तभी रवि  ने आगे बढ़ कर निया का हाथ धीरे से पकड़ लिया । अब दोनों के हाथ एक दूसरे के हाथो में थे । पर शर्म के मारे वो एक दूसरे को देख नही पा रहे थे । रास्ता कब मंजिल बन गया दोनों को पता भी नही चला । सामने एक गाँव था पर रवि  के चहरे पर उतनी खुशि नही थी । रवि ने निया से इशारो में पूछा की तुम यहां रहती हो ,निया ने अपना सर हिला दिया । तभी रवि ने कुछ लोगो को अपनी ओर आते देखा , रवि ने जोर से आवाज लगाई । और पीछे मुड़ कर कहा निया वो  लोग  आ रहे है पर न निया वहां नही थी । रवि के पैरो तले जमीन खिसक गई । आखिर निया चली कहा गई ।
राज

गाँव वाले मेरी ओर अब तक आ चके थे । उन्होंने सबसे पहले कहा बेटा तुम ठीक तो हो ।  रवि ने कहा आपको  हिंदी आती है और गाँव वाले ने अपना सर हिला दिया । उन्होंने रवि से पूछा तुम जिन्दा कैसे बच गए । रवि कुछ समझ नही पाया । और फिर गाँव वालो ने उसे कुछ ऐसी बात बताई की वो एक पेड़ से जा लगा और उसके निचे बैठ गया ।
साहब जी इस जंगल से कोई भी आज तक जिन्दा नही लौटा , न जाने कब से  वहाँ लोग गायब हो रहे है । वो जंगल एक चुड़ैल का घर है जो लोगो को फाश कर गहरे जंगल में ले जाती है और मार कर खून चूस लेती है । 
रवि को अब कुछ समझ नही आ रहा था उसने गाँव वालो से  निया नाम की लड़की के बारे में भी पूछा पर उस नाम की लड़की  उस गाँव में तो क्या दूसरे गाँवो में भी नही थी ।
एक गहरी उदासी के साथ रवि गाँव वालो के साथ चला गया । उन्होंने रवि को उसकी  गाडी के पास छोड़ दिया । तभी रवि ने उस आम के पेड़ को देखा और एक आश में वो फिर उस पेड़ के पास गया पर इस बार पहले जैसा कुछ नही हुआ । आम का पेड़ उसके सामने था और जब रवि ने मुड़ कर देखा तो उसकी गाडी पीछे ही खड़ी थी । तभी उसकी नजर पेड़ के निचे पड़ी वहां आम से भरा एक टोकरा था ।रवि की आखो से न जाने क्यों आंसू छलक उठे । उसने आखरी बार उस जगह को देखा और चला गया ।

Saturday, 20 June 2015

Science student ghost inside

In delhi  a science student looking for a pg . When she came to see the  flat of the landlord said you go upstairs . When that girl was up to him, he found an old woman felt that she has to show her flat. And she went with her in a dark room.
They did not know what happened inside when the landlord came up girl found unconscious. After a few minutes when she wake up .. she looked like a different person. Her eyes totally changed And without talking to and listening to anything he went from there.
Around the house always Afwaan to see an old woman's voice is heard. How many people have claimed to see him.

Thursday, 18 June 2015

अकबर का भूत लाल किले में ।

दोस्तों delhi दिल वालो की है । और यहाँ एक से एक घटनाए तो होती ही रहती है ।ऐसी ही एक घटना नार्थ ईस्ट से आई एक लड़की के साथ भी हुई । जब वो पहली बार लाल किला देखने अपने दोस्तों के साथ गई।  किले को देख कर वो बहुत खुश हुई पर उसे क्या मालुम था की आगे उसके साथ क्या होने वाला था ।
   किले में घूमते घूमते वो अपने दोस्तों सेअलग हो गई । जब तक उसे उसका पता चला तब तक बहुत देर हो चुकी थी । वो खो चुकी थी । उसने अपने दोस्तों को फ़ोन करने की कोशिस की पर फोन काम नही कर रहा था ।  वो घबरा गई और गलती से किले के पुराने पुराने हिस्से में चली गई । वहाँ काफी अंधेरा था जिस कारण वो एक पुराने कुए में गिर गई ।
एक साया
कुँए में काफी अंधेरा था और गिरने के कारण उसे काफी चोट भी लगी हुई थी फिर भी उसने मदद के लिए अपने दोस्तों को फ़ोन करने की कोशिश की पर सब बेकार ।।  तभी उसे लगा जैसे कोई उसके पाँव को पकड़ने की कोशिश कर रहा है । उसने फ़ोन की लाइट on की । और निचे देखे ही उसके पाँव तले जमीन खिसक गई । उस कुए में सिर्फ नर कंकाल भरे पड़े थे और वो उन पर बैठी पड़ी थी । उसे मुँह से उल्टिया निकलने लगी ।
अब क्या होगा
बेचारी लड़की को कुए में गिरे 5 hours हो चले थे । न रौशनी न पानी ।  अब रात हो चली थी । लड़की को ऐसा लगा की कोई उसके कन्धों को छु रहा है । उसने फोन से उस ओर रौशनी की पर कोई नही था ।तभी किसी चीज ने आकर उसके कानो में एक फुक मारी । वो बुरी तरह डर गई । और इधर उधर देखने लगी । 
वो कौन था ।
तभी एक लम्बी सी चीज उस पर आ कर गिरी और वो चीखने लगी । पर वो और डर गई जब उसने कुए के ऊपर एक साया देखा । वो जोर जोर से रोने लगी । पर जब उसने ध्यान से देखा तो वो साया गायब हो चूका था पर एक रस्सी लटक रही थी । वो फौरन उस रस्सी पर चढ़ गई और कुए से बाहर निकल आई । उसकी हालत बहुत बुरी थी । वो जल्दी से बाहर निकली तो एक गाड़ ने उसे देख लिया और फिर उसने 101 पर cal कर एम्बुलेस को बुलाया । और लड़की को अस्पताल भेज दिया ।
बस एक बुरा सपना होगा
जब पुलिस उस लड़की से पूछताछ करने आई तो उसने सारी बात बता दी । जाहिर है पुलिस ने जाच की पर उन्हें वहा कोई कुआँ नही मिला । और न ही नर कंकाल । पुलिस और लड़की के दोस्ती को लगता है की वो सीढ़ियों से गिर गई और कोई बुरा सपना देखा लिया ।
पर सच क्या है कोई नही जान पाएगा । जिस साय ने उस लड़की की मदद की क्या वो अकबर का भुत था या कोई और ये तो बस एक राज है।
   आखरी ख़ुशी (एक साया)

Hunger ( भूखा )

कई हजारो साल पहले एक ऋषि हुआ करते थे हिजिन ।  उन्होंने तप के जरिये काफी सारी शक्तिया और ज्ञान अर्जित किया । और पंच तत्वों पर भी काबू क्र लिया । परन्तु वो अब भी अमरता के रहस्य को नही समझ पाए थे । एक दिन हिजिन को एक काली किताब मिली जिसका नाम होमेन था । किताब के मुताबिक़ पंच तत्वों पर महारत रखने वाले की बलि देने पर ही अमरता सम्भव थी । पर उसके अलावा संसार में कोई भी नही था जो पंच तत्वों पर काबू क्र सके ।और दिन प्रति दिन वो बूढ़ा होता गया। जिस कारण वो निराश हो गये और सोचने लगे की अगर वो मर गए तो उनका इतने सालो से अर्जित किया उनका ज्ञान बेकार हो जाएगा ।
अजनबी लड़का
   वो सोच ही रहे थे की एक यूवक वहा से गुजर रहा था । तभी हिजिन की नजर उस पर पड़ी और उन्हें उनके प्रशनो का उत्तर मिल गया ।  हिजिन ने उस यूवक को अपना शिष्य बना लिया और कई सालो के बाद ।
अब वो लड़का पूरी तरह हिजिन की सारी कलाए और ज्ञान सिख चूका था और हिजिन भी अब काफी बूढ़ा हो चला था । 
सच्चा प्यार
एक दिन शैतान की बेटी की नजर हिजिन के शिष्य पर पड़ी और उसे उस से प्रेम हो गया । हिजिन के शिष्य को अपना बनाने के लिए शैतान की बेटी निया ने अपना जाल बुनना शुरू कर दिया और उसने उसे अपने प्रेम जाल में फसा लिया ।  जब ये बात हिजिन को पता चला तो उसे लगा की अब उसका सारा ज्ञान सैतान के हाथ लग जाएगा ।
  हाइजीन ने अपने शिष्य को बहुत समझाने की कोशिस की पर सब बेकार ।। वो अब पूरी तरह से निया के कब्जे में जा चूका था। 
  कोई रास्ता न देख कर हिजिन ने एक योजना बनाई । उसने शैतान की बेटी को कैद कर लिया और उसे एक आदम खोर शेरनी में बदल दिया। और महीनो तक खाना नही दिया ।
वही दूसरी ओर हिजिन का शिष्ये अपनी प्रमिका के न मिलने के गम में खोया हुआ था।
इसका फायदा उठा कर हिजिन ने अपने शिष्य को धोखे से कैद कर लिया और आदमखोर  शेरनी के आगे डाल दिया ।  शेरनी ने उसे खा लिया ।
शिष्ये के मरते ही  हिजिन ने शैतान की बेटी को आजाद कर दिया । जब  निया ने देखा की उसके मुँह और शरीर पर उसके प्रमी का का खून लगा हुआ है तो पागल सी हो गयी और वो हिजिन को मारने की कोशिस करने लगी पर तभी उसके पिता ने आकर निया को रोक लिया और पाताल में कैद कर दिया ।

 होजीन और शैतान की चाल
निया को नही पता था की उसके पिता और हिजिन के बिच के समझोता हुआ था । शैतान नही चाहता था की उसकी बेटी एक इंसान से सादी करे ।
  शैतान ने मदद के रूप में हिजिन को अमृत दे दिया । और हिजिन फिर से जवान हो गया । 

Monday, 8 June 2015

delhi में किरायदार का खून पि लिया

एक वक्त था जब इंशान अपने आप की जगह दुसरो की परवाह करता था। पर इस कलयुग में जहाँ माँ और बाप के लिए कोई स्थान नही रहा वहा एक किरायदार की क्या हैसियत । वो तो बस एक बिखारि है जिसे कोई भी हाक देता है ।
Delhi सन् 2000
शहरों का विकास एक आम क्रिया है । जो निरन्तर चलती रहती है । और एक नई उमीद की तलाश में हर रोज़ एक बड़ी तादाद में लोग गाँव से शहर की ओर आते है। और ढुढते है एक आसियान ।
delhi जब विकाश की ओर कदम बढ़ा रही थी तो दूसरी ओर इसमें विष भी धुल रहा था । लोगो का लालच दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा था । और यहां  पहले से बसे लोग इस लालच की नीव रखने में एक मुख्य योगदान दे रहे थे ।
एक उमीद की तलाश में आए लोग जब इस दिल वालो के शहर में आए तो उनका स्वागत उन्होंने दिल खोल कर किया और फिर उनका खून भी उतनी ही तेजी से पीना शुरू कर दिया ।
एक किराये दार की जिंदगी का विवरण करना काफी कठिन है पर उस से भी जादा उसके दुखो का आकलन करना । सन् 2000 में एक किरायदार का कमरा किराया  महज  200 रु से 500 रु हुआ करता था ।
किराये में बढ़ोतरी
साउथ डेल्ही के मकानों का  किराया 2003 में 300  से 500 रूपये हुआ करता था और एक आम आदनी की तनख्वा महज 1000 से 3000 हुआ करती थी ...  तो गुजारा चल ही जाया करता था ।.. पर महगाई बढी और और मकान मालिको का अत्याचार भी .... सन 2008 तक आते आते मकानों का किराया 2000 से 4000 तक चला गया और
सन 2012 आते आते मकान मालिको की नाक और लम्बी होती चली गई ,,,,, में आप को बता दू की इन सालो में  एक आम आदमी की तनख्वा महज 4000 से 5000 तक ही सिमित रही ..अब आप अंदाजा लगा सकते है की  एक किरायदार होना कितना मुश्किल रहा होगा ।...और है ।
...... सन 2013 से 2014 तक आते आते मकान किराय 7000 से 11000  हो  गया । साथ ही साथ अब सभी मकान मालिक जबरन तरीके से 8 से 10  रूपये यूनिट बिजली बिल और 300 से 600 रूपये पानी का बिल भी लेने लगे है। .. और यह पूरी डेल्ही में हो रहा है साथ ही  साथ यह भ्रष्टाचार अब पुरे देश में पेर जम्मा चुका है । ...

    में आप को बता दु की आज भी हमारे आम आदमी की तनख्वा 6000 है जबकि वो जिस संस्थान में कार्यरत है। वहाँ पर वो कई सालो से काम कर रहा है पर आज भी तनख्वा उतनी की उतनी ही है।...  आज भी ओखला industries में असंख्य मजदूर मालिको की गुलामी करने को मजबूर है क्यु की  उनका हक जिन सरकारी संगठनो द्वारा दिलवाया जाना चहिए था। वो नही मिला। दूसरी तरफ मकान मालिको का किराया बढ़ाए जान आफत बनती जा रही है। ....अब उन्हे कोन समझाये की हमे भी महगाई मार रही है ।.उनसे भी कही जादा । ...
तो हम क्या करें ।
या तो आप मजदूरों की तनख्वा बढवाए । .. या फिर एक वाजिद  किराया policy लांच करे साथ ही किरायदारो के लिए सही बजली और पानी दर भी फिक्स करवाए। ...  जो की
पानी = 100 या 200 रूपये महिना
बिजली बिल = 3 या 4  रूपये यूनिट तक हो ।
जहा सरकारी रेट पर बिजली बिल और पानी बिल  की सहूलियत दी जाती है वहा transparency  लाइ जाए क्यों की वहा भी मकान मालिक  धांदली करने से बाज नही आते और खून चुस्ते  है ।  वो सही टाइम पर किराये डारो को बिल नही देते और बिजली bills में हेरा फेरी करते है । 
मनमाने तरीके से काम करना और जब मर्जी आए किराये दारो को परेसान करना एक आम बात  हो गई है  जब मर्जी आए किराया बढ़ा दिया और किराये की मांग न पूरी करने पर कमरा खाली करने की धमकी देना एक आम बात है।  और कब तक ये चलेगा । आखिर कब तक ।
  अब बस ,अगर हम लोग आवाज नही उठायेगे  तो ये सब यु ही चलता रहेगा  अब आप को ही कुछ करना होगा । आवाज उठाए ।।  आज ही  indotimes24 facebook page  पर आए और अपनी  कहानी  बताए  ।। आवाज उठाए इन लोगो के किलाफ ।
  अब और नही।
                                
                           



Sunday, 7 June 2015

400 साल पुराने श्राप का राज

मैसूर का वडियार राजवंश बीती चार सदियों से एक श्राप से जूझ रहा है, ऐसा मानने वालों के पास अपने कारण हो सकते हैं और न मानने वालों के पास अपने. खुद वडियार राजघराना मानता है कि एक श्राप 400 साल से उसका पीछा कर रहा है. उसके पास ऐसा मानने की वजहें हैं.
बीती 27 मई को यदुवीर कृष्णदत्त वडियार राजघराने के 27वें राजा बने. यदुवीर ने श्रीकांतदत्त नरसिंहराज वडियार की जगह ली. श्रीकांतदत्त के कोई संतान नहीं थी. दिसंबर 2013 में उनकी मौत के बाद से ही उत्तराधिकारी को लेकर बहस चल रही थी जो 23 साल के यदुवीर की ताजपोशी के साथ खत्म हुई. श्रीकांतदत्त की पत्नी प्रमोदा देवी वडियार ने हाल ही में यदुवीर को गोद लिया था.
कहते हैं कि आभूषण जबरन लेने के लिए राजा ने अपने सैनिक भेजे तो अमामेलम्मा ने कावेरी में छलांग लगा दी. इससे पहले उसने श्राप दिया कि मैसूर राजवंश संतानविहीन हो जाए.
यह पहली बार नहीं हुआ था कि वडियार राजपरिवार ने कोई उत्तराधिकारी गोद लिया हो. दरअसल बीती चार सदियों के दौरान मैसूर के इस राजघराने को उत्तराधिकारी अक्सर गोद लेना पड़ा है. यही वजह है कि कई लोग वडियार राजवंश पर लगे एक श्राप पर यकीन करते हैं.
श्राप की कहानी ।
कहते हैं कि 1612 में मैसूर के राजा वडियार ने पड़ोसी राज्य श्रीरंगपट्टनम पर हमला किया और वहां के शासक तिरुमालाराजा को हरा दिया. पराजित राजा अपनी पत्नी अलामेलम्मा के साथ तलक्कड़ नामक जगह पर जाकर रहने लगा. कुछ समय बाद उसकी मृत्यु हो गई. अलामेलम्मा ने अपने आभूषणों का खजाना श्रीरंगपट्टनम राजपरिवार की कुलदेवी श्रीरंगनायकी को दान कर दिया. एक विशेष दिन श्रीरंगनायकी का श्रंगार होता और फिर ये आभूषण अलामेलम्मा के संरक्षण में आ जाते. मंदिर प्रशासन ने राजा से गुहार लगाई कि ये आभूषण उसके पास होने चाहिए. अलामेलम्मा इसके लिए तैयार नहीं थी. राजा ने अपने सैनिक भेजे. अमामेलम्मा ने कावेरी में छलांग लगा दी. लेकिन इससे पहले उसने श्राप दिया कि मैसूर राजवंश संतानविहीन हो जाए.
कहते हैं कि राजा को जब इसकी खबर मिली तो वह बड़ा चिंतित हुआ. फिर किसी ने उसे सलाह दी कि श्राप से मुक्ति पाने के लिए वह अलामेलम्मा की मूर्ति राजमहल में प्रतिष्ठित करवाए.
सोर्सेस्। .. satyagrah




Ravi Chaudhary 












Friday, 5 June 2015

स्कूल की लड़की ।

मुझे आज भी याद है वो दिन जब में स्कूल के लिए जल्दी निकला था। कोई सुबह के 6 बज रहे होंगे ।
स्कूल में जाते ही एक अजीब सी खामोसी ने मेरे हाथ पाओ को ठंडा कर दिया । पर फिर भी में  आगे बढ़ता रहा । वहा कोई नही था सिर्फ में और मेरा साया । तभी कोई सफेद सूट में मुझे नजर आया । मै हैरान था लड़को के स्कूल में लड़की ,ऐसा कैसे हो सकता है।  और राज को जानने के लिए में उस सफेद साय की ओर लपका।  जब भी में उसके करीब होता वो फिर से कहि गायब हो जाती । पर मेने हार नही मानी और आखिर कार मेने उसे ढूंढ ही लिया । वो  स्कूल के 2nd floor पर थी । मै उसकी चुनी देख सकता था ।
में सीडियो से तूफ़ान की तरह ऊपर गया और फिर आखिर कार वो मुझे मिल ही गयी ।  वो class में आखरी  bench पर सर झुका कर बैठी थी । पहले तो मुझे काफी डर लगा पर सच जानने के लिए में कुछ भी करने को तैयार था।
मेरा पहला सवाल था की तुम कोण हो । पर कोई जबाब नही आया ।मैने फिर पूछा पर फिर कोई जवाब नही । अब तो मुझे पक्का लग रहा था की वो भूतनी है पर में डरा नही और उसके पास बैठ गया । वो मुझसे बस 5 इंच दूर थी । तभी उसका हाथ मेरे हाथ पर आ गया । आप विसवास नही करेगे उसके हाथ एक दम ठंडे थे और वो मुझे छू रहे थे । मै डरा हुआ था और मुझे कुछ नही सुझा और गलती से मेने भी उसका हाथ पकड़ लिया ।  कुछ ही देर में उसकी गर्दन मेरे कन्धे पर थी और तभी स्कूल की bell बजी ।
मेरे पास कोई नही था  ।  वो गायब हो  चुकी थी ।  और तभी  मेरे दोस्त classes में आना सुरु हो गए । 
में हैरान था । उस class में कोई लड़की नही थी ।
ऐ बात मेने किसी को नही बताई ।
और अगले दिन में फिर जल्दी आया पर मुझे कोई नही मिला । शायद वो जा चुकी थी ।